Tuesday, March 24, 2009

तू सही
मैं ग़लत ,
मैं सही
तू ग़लत ,
कब तक लड़े
यूँ ज़िंदगी से
चलो यूं ही
बेवजह जीने का
एक समझौता कर लेते हैं !!

by kuchh yu hi

Sunday, March 22, 2009

ना वक़्त है ना कोई अवसर
ना मंज़िल है ना कोई सफ़र
ना प्रीत है ना कोई प्रीतम
ना सुर है ना कोई सरगम
ना राम है ना कोई अली
जो है सब कुछ है खाली